एक व्यक्ति बर्फ की फैक्ट्री में काम करता था। एक दिन रोजाना की तरह शाम को वह घर जाने की तयारी में था। तभी काम करने के दौरान काम करने वाली मशीन में एक तकनीकी समस्या उत्पन्न हो गयी और वह उसे दूर करने में जुट गया। जब तक वह कार्य पूरा करता, तब तक काफी देर हो गयी। उस फैक्ट्री की सारी लाइटें बुझा दी गईं, दरवाजे सील हो गये और वह उसी जगह में बंद हो गया। बिना हवा व प्रकाश के पूरी रात बर्फ की फैक्ट्री में फंसे रहने के कारण उसकी मौत होना लगभग तय था।
लेकिन लगभग आधा घंटा समय बीतने के बाद उसने किसी को दरवाजा खोलते देखा। क्या यह एक चमत्कार था? उसने देखा कि दरवाजे पर सिक्योरिटी गार्ड टार्च लिए खड़ा है। इस प्रकार उसने उसे बाहर निकलने में मदद की।
बाहर निकल कर उस व्यक्ति ने सिक्योरिटी गार्ड से पूछा “आपको कैसे पता चला कि मै फैक्ट्री के अंदर फंस गया हूँ?”
गार्ड ने उत्तर दिया – “सर, इस प्लांट में करीब 100 लोग कार्य करते हैँ पर सिर्फ एक आप ही हैँ जो मुझे सुबह आने पर हैलो व शाम को जाते समय बाय कहते हैँ। आज सुबह आप ड्यूटी पर आये थे पर शाम को आप बाहर नहीं गए। इससे मुझे शंका हुई और मैं देखने चला आया।”
वह व्यक्ति नहीं जानता था कि उसका किसी को छोटा सा सम्मान देना कभी उसका जीवन बचाएगा। उसने प्रसन्न मन से उसका धन्यवाद किया और अपने घर चला गया।
इस कहानी से हमें यह सीख़ मिलती है कि अच्छे कर्म हमेशा ही करते रहने चाहिए यह नहीं देखना चाहिए कि अच्छे कर्म करने से कौन सा अच्छा फल मिलेगा बल्कि समय आने पर ही हमें पता चलता कि कैसे कर्म का फल कैसा मिलता है |
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